30/08/2011

आप सब भी मुझे अच्छे लगते हे....

जी नमस्कार आप सभी को , अगर आप को यहां दो लाईने ही दिख रही हे तो आप इस ब्लाग परिवार के टाईटल पर किल्क करे,या फ़िर Home पर किल्क करे तो आप को तीन लाईने दिखेगी, जी यहां तीन लाईने हे आप की नयी पोस्ट १, ,आप की नयी पोस्ट २ आप की नयी पोस्ट ३,
ऒर हर थोडी देर बाद आप अपडॆट करने के लिये F5 को दबाये, अगर आप भी अपना ब्लाग इस परिवार मे शामिल करना चाहते हे तो , हमे अपना URL यानि अपने ब्लाग का पता भेज दे, धन्यवाद

16 टिपण्णियां:

महेन्‍द्र वर्मा said...

आप भी बहुत अच्छे हैं राज साहब।
बहुत दिनों के बाद लौटे हैं, नमस्कार !

डॉ. मोनिका शर्मा said...

Ganesh Chturthi ki Shubhkmanyen....

Kripya ise blog ko blog pariwar me shmil karen..

http://teej-tewar.blogspot.com

Anonymous said...

आप भी बहुत अच्छे हैं
miss u

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

http://sahityasurbhi.blogspot.com

http://dsvirk.blogspot.com

http://dilbagvirk.blogspot.com

राज भाटिय़ा said...

@Dilbag Virk जी नमस्कार मैने आप को पहले भी लिखा था कि आप के दो ब्लाग तो मैने शामिल कर लिये थे पिछली बार ही, लेकिन http://sahityasurbhi.blogspot.com इस ब्लाग का फ़ीद नही मिल रहा, कृप्या चेक कर के ओर फ़ीड कर के इस ब्लांग के लिंक को दोबारा भेजे. धन्यवाद

Navin said...

http://gagan-vihar.blogspot.com/

Varun Kumar Jaiswal said...

Sir
please add this

http://varun-jaiswal.blogspot.com/

पीयूष त्रिवेदी said...

Please Add My Blog.....http://hindi2tech.blogspot.com

Anjali misra said...

pls add me

राज भाटिय़ा said...

आप सभी के ब्लाग मैने एड कर लिये हे,

Deepak chaubey said...

http://hindi-kavitayein.blogspot.com/

tension point said...

raaj ji mera blog (tensionpoint.blogspot.com) ka pata shayad hat gaya hai main dobara bhej raha hu krapya sammilit karne ka kasht karen | dhanyvaad

राज भाटिय़ा said...

शंकर जी आप का ब्लाग मोजूद हे जनाब, तीसरी लाईन मे समय के अनुसार देख ले, धन्यवाद

Dr. Shashi Singhal said...

राज जी मेरा ब्लॉग भी अपने ब्लॉग परिवार में शामिल करने का कष्ट करें । मेरे ब्लॉग का url है -- www.meraashiyana.blogspot.com

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

प्रचार सामग्री----दोस्तों, क्या आप सोच सकते हैं कि "अनपढ़ और गँवार" लोगों का भी कोई ग्रुप इन्टरनेट की दुनिया पर भी हो सकता है. मैं आपका परिचय एक ऐसे ही ग्रुप से करवा रहा हूँ. जो हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु हिंदी प्रेमी ने बनाया है. जो अपना "नाम" करने पर विश्वास नहीं करता हैं बल्कि अच्छे "कर्म" करने के साथ ही देश प्रेम की भावना से प्रेरित होकर अपने आपको "अनपढ़ और गँवार" की संज्ञा से शोभित कर रहा है.अगर आपको विश्वास नहीं हो रहा, तब आप इस लिंक पर जाकर देख लो. http://www.facebook.com/groups/anpadh/ क्या आप भी उसमें शामिल होना चाहेंगे? फ़िलहाल इसके सदस्य बहुत कम है, मगर बहुत जल्द ही इसमें लोग शामिल होंगे. कृपया शामिल होने से पहले नियम और शर्तों को अवश्य पढ़ लेना आपके लिए हितकारी होगा.

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

आज भी यहां तमाम नई चीजें पढने को मिलीं।
वैसे मुझे भी यहां समय समय पर स्थान मिलता रहता है, इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया।

 
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