नारी शक्ति विशेष, छंदबद्ध कविता
-
भागवत प्रसाद, डमरू बलौदा बाजार *मनहरण घनाक्षरी*
*नारी*
नारी जग हे महान, सुन लेना देके ध्यान, झनकर अपमान, कहाँ कमजोर हें।
देख लेना आसमान , उड़ावत वाय...
16 minutes ago