नमस्कार ब्लाग परिवार के सभी सद्स्यो को, आज हमे बहुत खुशी हो रही हे, इस ब्लाग परिवार की संख्या दिन रात बढ रही हे, हम ने तो सोचा भी नही था, आप सब का धन्यवाद, लेकिन अब इस जगह पहुच कर हमे एक दिक्कत आ रही हे, अब नये सद्स्य तो बहुत आ रहे हे, लेकिन किसी टेकनिकि कमी के कारण हम उन्हे एंटर नही कर पा रहे, पता नही क्या कारण हे, इस का एक सीधा सा ऊपाय यह हे कि आप लोगो के लिये एक नया रास्ता बना दिया हे, यानि एक इस से मिलता जुलता काम चलाऊ Aggregators आप वहां सभी लोग जो लोग अपना ब्लाग उस Aggregators मे शामिल करना चाहते हे, वहां दे दे, समय मिलते ही हम आप का ब्लाग खोल देगे,एक बार वहा आये ओर देखे ओर अपनी राय दे, हम कोई टेकनिकी ग्याण करता तो नही, लेकिन जितना कर सकते हे कर रहे हे, यह Aggregators हमारे अंतर सोहिल जी की मेहरबानी से मिला हे ओर इस की नींव भी उन्ही ने डाली हे, हां अगर आप लोगो मे कोई आई टी का पीसी का जान कार हो ओर हमे मदद दे सकता हे तो उस जनाब का स्वागत हे, चलिये अब आप यहां जाये ओर अपने ब्लाग का लिंक दे, ई मेल आई डी भी दे, ध्यान रहे आप का ई मेल आईडी किसी को पता नही चलेगा, धन्यवाद...यह रहा नये ब्लाग परिवार का पता यहां किल्क करे
आज से लगभग दो माह पहले हमने ऐसे ही एक टिप्पड़ी फॉर्म पर अपने ब्लॉग का लिंक दिया था ...और अपने ब्लॉग पर विजेट लगाकर खुश होते रहे कि हम भी ब्लॉग परिवार में शमिल हैं ... आज ऐसे ही अनायास देखने का मन हुआ तो सूची में अपना ब्लॉग न पाकर अच्छा नहीं लगा..खैर मैं पुनः निवेदन भेज रहा हूँ आशा है आप स्वीकार करेंगे .. http://anandkdwivedi.blogspot.in/
आदरणीय महोदय मैंने नया ब्लॉग http://ujbakvani.blogspot.com शुरू किया है आपसे सादर निवेदन है की मेरे ब्लॉग को आपके अर्थात हमारे ब्लॉग परिवार में शामिल करने की कृपा करें. धन्यवाद एवं आभार
चल रही गाड़ी बैशाखियों के सहारे
-
जिसे कहते हैं फर्ज या
रिश्ते निभाना
आजकल यह सब
आखिर कौन निभा रहा है
देखो तो जरा अपने आस पास
बस ढोह रहे हैं एक दूसरे को
चल रही गाड़ी बैशाखियों के सहारे
देखो...
और जिस वक़्त आसमान का छिलका उतारा जाएंगा
-
और जिस वक़्त आसमान का छिलका उतारा जाएंगा (11)
और जब दोज़ख़ (की आग) भड़कायी जाएंगी (12)
और जब बेहिश्त क़रीब कर दी जाएंगी (13)
तब हर शख़्स मालूम करेगा कि वह क्...
समय की बात!
-
उम्र खर्च हो गया
विशेषज्ञ सोचे-समझे,
बहुत पैसे कमाने के लिए,
धनी आज बहुत हैं।
रखने की जगह नहीं,
बस चुप हो गया।
वक़्त ही नहीं मिला संभालें,
जैसे भी ...
मैं हूं इक लम्हा
-
मैं हूं इक लम्हा
मृत्यु अंधकारमय कोई शून्य लोक है
या नवजीवन का उज्ज्वल प्रकाशपुंज है
या मृत्यु-दंश है विषमय पीड़ादायक
या अमृत-रस का पात्र है सुखदायक
तन-मन ...
लघुकथा : कटोरा संवेदनाओं का
-
लघुकथा : कटोरा संवेदनाओं का
पता चला कि स्वघोषित प्रतिष्ठित लेखिका आई. सी. यू. में भर्ती हैं और उनकी
मिजाजपुर्सी के लिए लोग सिर्फ़ जा ही नहीं रहे अपितु आई...
चार जानिब है यही शोर दिवाली आई
-
चार जानिब है यही शोर दिवाली आई
चार जानिब है यही शोर दिवाली आई
साल-ए-माज़ी की तरह लाई है ख़ुशियाँ इमसाल
यूँ तो हर शख़्स मसर्रत से खिला जाता है
फिर भी बच...
भगवान हनुमान जी की जानकारी - Hanumangi
-
वेबसाइट hanumangi.com भगवान हनुमान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती
है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में भक्ति, शक्ति और निष्ठा के प्रतीक के रूप में ...
"हादसे"
-
"हादसों की तरह हम गुजर जायेंगे"
*हादसों की तरह हम गुजर जायेंगे*
*इक समय आएगा हम भी मर जायेंगे*
*इक ज़माना हुआ हम चले जा रहे*
*चलते चलते ही इक दिन ठह...
परिचय : अपरिचय
-
"यहां इतनी दूर तक आना और अब आगे ?" सवाल खुद से हो रहा है तो जवाब देने कोई
दूसरा कहां से आएगा !! यह सोच कर ही खीझ होने लगी। यह क्या वाहियात आइडिया है,
ऐसा फ...
मौत से साक्षात्कार ! (2 )
-
*मौत से साक्षात्कार ! (2 )*
जिंदगी देने वाले नेइंसान को कितनी साँसे दी हैं
, यह तो वही जानता है। कभी एक झटके में वह जीवन छ...
जब रात स्वप्न
-
जब रात स्वप्न
मन में से
आने जाने लगे
उन को मन में
बसने दिया जाए
कब तक उस पर निर्भर रहे
नही कहां जा सकता|
मन के अनुसार चला
आ सकता |
आशा...
कसौली यात्रा भाग #2
-
*कसौली Meet पार्ट -2*
*12 जनवरी 2024*
~~~~~~~💝~~~~
4 बजे जैसे तैसे सोकर सुबह 6 बजे उठना, वो भी इस ठंडी में, ऐसा ही हैं जैसे
मौत के कुएं में छलांग लगाना...
गज़ल
-
कागजों से भी क्या दोस्ती हो गयी
शायरी ही मेरी ज़िंदगी हो गयी
जब खुदा ने करम ज़िन्दगी पर्किया
बंदगी से गमी भी खुशी हो गयी
दिल की बंजर जमीं पर उगा इक खिया...
एक परिचय : दीक्षा राणा
-
एक परिचय वो ख़ास सा है आधार ही जिसका मिठास सा है । कहने को तो वो आम सा है
पर जिंदगी में उसका होना ईनाम सा है । जिसका छूना ही एक आराम सा है उसका दूर
होना एक...
युवाओं के सामाजिक सरोकार
-
आजकल के नौजवानों का क्या? उन्हें तो मोटी सेलरी वाली अच्छी नौकरी मिल जाए,
रोज-रोज होटल का खाना, ब्रैंडेड कपडे, महंगा मोबाइल, टैब-शैब, महंगी कार, बिना
मतल...
जिन्दा लाशों की बस्ती से
-
जो प्राकृतिक रूप से गूंगे हैं, उनकी भावनात्मक अभिव्यक्ति की विवशता को आसानी
से समझा जा सकता है। वे अपने दैहिक या प्राकृतिक कारणों से अगर कुछ नहीं
व्यक्त कर...
खोया/मावा बनाने का तरीका
-
दूध -2 लीटर पहले दूध को उबाल लें । फिर मध्य आंच पर लगातार चलाते रहे ताकि
नीचे से जल ना जाए बस गाढ़ा होने तक चलाते रहे खोया तैयार है
उदासियां
-
तूने दिखाया था जहां ए हुस्न मगर
मेरे जहाँ ए हक़ीक़त में हुस्न ये बिखर गया
चलना पड़ा मुझे इस कदर यहाँ वहाँ
गिनने वालों से पाँव का छाला न गिना गया
क़ाबिल था भरोस...
कर्नाटक समुद्र तट क्षेत्रों की यात्रा
-
संक्षेप में कर्नाटक कोस्टल यात्रा विवरण
ट्रेन से उडुपी स्टेशन उतरा तो देखा कि यहाँ स्टेशन पर डोरमेट्री में ठहर सकते
है।
मैं लोकल बस स्टैंड के ऊपर बने ...
फिर से एक नई शुरुआत
-
नमस्कार मित्रों। अपनी व्यस्ततम रोजमर्रा की जिंदगी में हम इतने दूर निकल गए
है कि वर्षों बाद आज इन सुनहरी गलियों में वापस लौटे है । अब फिर से नई शुरुआत
कर...
हम बेल पर लगी ककड़ियाँ
-
एक उम्र ऐसी आती है कि हर महीने दो महीने में (पति के व्हट्स एप ग्रुप में )
समाचार आता है कि यह या वह चला गया. कोई सोए में तो कोई दो चार दिन की बीमारी
...
बाल हठ - बाल कविता ( सुब्रत आनंद )
-
*बाल हठ*
सब साथी तैयार खड़े थे
कुछ छोटे कुछ बहुत बड़े थे
जाने थे हम सबको मेले
मस्ती करते खाते केले
कहते साथी चल जल्दी से
माँगो पैसे माँ- दीदी से
नहीं दे र...
टूट रही हैं बेड़ियाँ
-
एक अघोषित युध्द वह, लड़ती है हर रोज।नारी बड़ी सशक्त है, सहन शक्ति
पुरजोर।।टूट रही हैं बेड़ियाँ, दिखता है बदलाव।बेहद धीमी चाल से, बदल रहा
बर्ताव।।अपने निज अस्...
Measuring Astronomical distances in Space
-
क्या आप जानते हैं कि दूरी कैसे मापी जाती है? बिल्कुल!!! हम सब जानते हैं, है
ना?मान लीजिए कि मैं एक नोटबुक को मापना चाहती हूं, मैं एक पैमाना/रूलर लूंगी,
एक ...
MENTAL GARBEJ
-
One day a man was going to the railway station by auto. The auto
driver was driving the auto very comfortably. A car suddenly came out of
th...
सज्जन-मन
-
सब सहसा एकान्त लग रहा,
ठहरा रुद्ध नितान्त लग रहा,
बने हुये आकार ढह रहे,
सिमटा सब कुछ शान्त लग रहा।
मन का चिन्तन नहीं व्यग्रवत,
शुष्क हुआ सब, अग्नि त...
पूछते हैं वो...
-
पूछते है वो
मोहब्बत कितनी करते हो...
इश्क को मापने का कोई
पैमाना हो तो कह दो...
तुम्हीं हो और बस
तुम्हीं रहोगे आखिरी दम तक
इसे जो आखिरी दम
ले के समझाना हो...
रिश्ते!
-
वीणा के समान
कई तारों से बंधे,
तान कर सधे
होते हैं रिश्ते!
जिनके दो छोड़
होते है दो व्यक्ति
और मधुरिम संगीत
रिश्तों की अभिव्यक्ति।
प्रेम, आकर्षण,
श्री...
CSK Vs MI: तिलक, ऋतिक ने मुंबई की लाज रखी
-
*लो स्कोरिंग मैच में मुंबई को मिली 5 विकेट से जीत, मुंबई इंडियंस के साथ
चेन्नई सुपरकिंग्स भी प्लेऑफ स्टेज से बाहर, चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से धोनी
को छ...
27-28 April 2022 Astrology in hindi today
-
*27-28 April 2022 A*strology in hindi today
*(For latest Click here)*
The ascendant of a person is very effective. Hence, all the prediction of
'Horoscope...
गुफ्तगू
-
गुफ्तगू
(फोटो-हेमन्त कुमार)
चलो आज हम कुछ गुफ्तगूं कर लें
कुछ अपनी कहें तुम्हारी भी सुन लें।
वो भोला सा बचपन निश्छल सी बातें
चलो वक़्त रहते कुछ अब भी ...
होली का एक रोमांचक संस्मरण
-
*संस्मरण*
होली पर शहीद ऊधम सिंह की तरह मैं भी फांसी पर लटक जाता
*रमेशराज
*********************
अपने अलीगढ़ की जन्मस्थली गांव एसी में होली के अवसर पर शह...
केसर पाग पहन लो भैया
-
केसर पाग पहन लो भैया
थाली में हो ना हो केसर, बाना रँग लो केसर से।
केसर पाग पहन लो भैया, जाओ जब बाहर घर से।
अनल वर्ण पोशाक तुम्हारे उर की ज्वाला बन जाए...
"बिहार मे बहार है" या "बिहार अभी भी बीमार है"?
-
*आपको बिहार की समर्पित विधायिका,कुशल नौकरशाही और न्यायनिष्ठ न्यायतंत्र को
समझना है तो आपको कुछ करने की जरूरत नही है/ कोई सर्वेक्षण की जरूरत नहीं
है..विध...
(साक्षात्कार)तेवरी, तेवरी है, ग़ज़ल नहीं
-
*तेवरी, तेवरी है- ग़ज़ल नहीं*
( तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध सहित्यसाधक राजीव कुमार झा की बातचीत )
*रमेशराज जी ! आप हिंदी कविता में तेवरी लेखन के लिए प्...
अमृतसर यात्रा
-
*हरमंदिर साहिब और जलियांवाला बाग- अमृतसर*
प्रत्येक शहर का अपना एक इतिहास होता है, अपनी सभ्यता और संस्कृति होती है। और
उसी के कारण वह शहर जाना जाता है। पंजा...
शांता-परिशिष्ट : प्रमुख शांता-श्रृंगी मंदिर
-
(1)
*उत्तर प्रदेश *
सरसी-छंद
यू पी के बस्ती जनपद में, परसरामपुर खण्ड
श्रृंगी नारी मंदिर में नित जुटती भीड़ प्रचण्ड.
पर अषाढ़ का अंतिम मंगल, रविकर बेहद खास...
क्षणिका
-
हां
सच है
देहरी पार की मैंने
वर्जनाओं की
रुढ़िवाद की
पाखंड की
कुंठा की ....
ओह
सभ्य समाज ....!
तुम्हारी ओर से
सिर्फ घृणा .?
कहो
इतने नाजुक कब से हो लि...
-
आजकल मैं कुछ थकी थकी सी हुँ
वक़्त चल रहा हैं लेकिन मैं थमी सी हुँ
ना जाने सारा दिन मैं क्या सोचती हुँ
खुद ही के भीतर मैं क्या खोजती हुँ
पंख लगा कर आ...
मौत के बाद भी
-
मौत के बाद भी मुझको बुलाया, आँऊगा।
जो दिल में छुपा कर राज जहां से जाऊँगा....
उस हरिक राज से तब.... परदा हटाऊँगा।
सोचोगे क्यूँ जीवन-भर छुपाया था ये मैनें,
म...
जीवन क्या है ?
-
*.*
*.*
*.*
*कल अचानक*
*कहने लगी बेटियाँ*
*पापा, कुछ समय से*
*लगने लगे हो आप*
*एकदम दादाजी से*
*बातें वैसी ही करते हो*
*हो बोलते उनकी तरह *
...
मैं गेहूं हूँ
-
लेखक डॉ. ओ.पी.वर्मा
मैं किसी पहचान का नहीं हूं मोहताज
मेरा नाम गेहूँ है, मैं भोजन का हूँ सरताज
अडानी, अंबानी को रखता हूँ मुट्ठी में
टाटा, बिरला दौड़े आ...
क्षणिकाएँ
-
ज्योतिपुंज बन कर अँधियारों से दो हाथ करेंगे कठिन परिश्रम की कूँची से द्युति
का रंग भरेंगे हम भारत के अमर पुत्र साहस अपार मन मे है कंटक पथ पर हँसते
हँसते लक...
एक सिक्के के दो पहलू
-
*स्त्रियों के विकास के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है! हम सभी प्रयासरत हैं
-अपनी बेटियों को ऊँची से ऊँची शिक्षा दिला रहे हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर
बनें, अपन...
Kafni glacier
-
खतिया में शाम को सूर्यास्त देखते हुए
खतिया में जब हम पहुंचे तो ठंड काफी थी । कफनी ग्लेशियर के रास्ते में द्धाली
के बाद यहीं पर मानव पाये जाते हैं पर वो ...
ऐतिहासिक शख्सियत...
-
पागी
फोटो में दिखाई देने वाला जो वृद्ध गड़रिया है वास्तव में ये एक
विलक्षण प्रतिभा का जानकार रहा है जिसे उपनाम मिला था पागी । वैसे इनका
वास्तविक...
दशमूलक्वाथ : समस्याएँ अनेक उपाय सिर्फ एक.
-
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रथम औषधि के रुप में प्रचलित दस विभिन्न
जडी-बूटियों के मेल से निर्मित दशमूलक्वाथ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का
विकास करने क...
थम्ब्स अप इंचार्ज
-
डॉक्टर चच्चा के बेटी का बियाह था। अपनी रजनी दीदी। मई का महीना रहा होगा। १३
- १४ साल के रहे होंगे हम। सब लोग अपना मारुती भान में भर के देबघर पहुंच गए।
रास्त...
लगातार संघर्ष करने से सफलता अर्जित होती है ....
-
महाभारत में भीषण युद्ध चल रहा था । युद्द भूमि में गुरु और शिष्य आमने सामने
थे । दुर्योधन की तरफ से द्रोणाचार्य और पांडवों की ओर से अर्जुन युध्द के
मैदान मे...
गत्यात्मक दशा पद्धति : भाग - 1
-
dasha antardasha calculation free
गत्यात्मक दशा पद्धति : भाग - 1
ज्योातिष में ग्रहों के प्रभाव के समय को निर्धारित करने वाले सूत्रों का समूह
दशापद्धति कहल...
Who are they !
-
The longest run they had amidst northern loo of the May,
The wrongest turn they had in the glitter of the eastern bay.
The passes they never issued,
The ma...
Gatyatmak Jyotish app
-
विज्ञानियों को ज्योतिष नहीं चाहिए, ज्योतिषियों को विज्ञान नहीं चाहिए।दोनो
गुटों के झगडें में फंसा है गत्यात्मक ज्योतिष, जिसे दोनो गुटों के मध्य
सेतु ...
ज़िन्दगी का झाँसा
-
खामोश सी खामोशी हो गई
कुछ सपने जबसे छोड़कर चले गए
आँखों की स्याही भी अब सूखने लगी है
लाल स्याही आंखों से छूटने लगी है
चेहरे की लकीरें गहरी हो गई है
माथे की ल...
हरितालिका तीज
-
हरी तालिका तीज
सुहाग अम्बे गौरी हम सब को दीजौ सुहाग।।
हरितालिका तीज की अलग ही रौनक होती है। 🥰
साज श्रृंगार नए वस्त्र जेवर जेवरात आलता महावर आंखों में काजल म...
तीन तलाक गैर कानूनी हैं।
-
तीन तलाक गैर कानूनी हैं। संसद के दोनों में बी जे पी सरकार ने इसको
पास करवा लिया हैं। तारीफ़ हैं उन मुस्लिम महिला की जिन्होंने अपने हक़ की
लड़ाई को ल...
एक बार फिर लौटा हूँ
-
Credit ज़िन्दगी-दौड़भाग-इंसान, ये शब्द कहीं एक दूसरे से उलझ से गए हैं. सोचता
हूँ तो इन्ही की तरह उलझ सा जाता हूँ..और फिर कह पड़ता हूँ पर्याय तो नहीं हो
गए ह...
शेष दोहे
-
साथ जिंदगी के चले, काबिलियत किरदार।
दोनों से क्रमशः मिले, लक्ष्य सुकीर्ति-अपार।।
जीत अनैतिकता रही, रिश्ते हुए स्वछंद।
लंद-फंद छलछंदता, हैं हौसले बुलंद।।
...
जानिए क्या होता है बस्तर का लांदा और सल्फ़ी
-
जब भी बस्तर जाना होता है तब बस्तरिया खाना, पेय पदार्थ का स्वाद लेने का मन
हो ही जाता है, चाहे, लांदा हो, सल्फ़ी हो या छिंदरस। बस्तर की संस्कृति पहचान
ही अलग...
आत्मा
-
आज रफ़्तार ज़िन्दगी, में थम सा गया हूँ
मेरे तजुर्बे चीख रहे, मै खामोश हो गया हूँ
कुछ गुनाहो तले दबके,दम खुशियों ने जो तोड़ा
मै तो ज़िंदा दिखु , पर आत्मा से मर...
आज का विचार
-
*व्यक्ति जिसका चिंतन करता है उसके ही गुण-दोषों को ग्रहण करता है। *
*जब कोई व्यक्ति किसी भी अन्य व्यक्ति की निन्दा करता है तब वह उस व्यक्ति के
दोषों को ग्र...
हैं अनमोल खजाने मेरे - बालगीत
-
हैं अनमोल खजाने मेरे
दादा दादी नाना नानी
प्यार दुलार लुटाते पल पल
गा गा लोरी सुना कहानी
कभी घुमाते पार्क कभी
मेला ले जाते अपने संग में
भूल बुढ़ापा अपना सार...
मच्छर गाथा
-
[image: See the source image]
एक दिन यूँ ही टहलते हुए, हम घर से थोङा दूर आ गये| कहीं एक कोने में बारिश का
पानी इकट्ठा हो गया था| वहीं कुछ मच्छरों ने अप...
मानवता के लिए देहदान या अंगदान करें
-
*दोस्तों, मैंने पिछले दस साल से मेरा पेंडिग यह काम ( देह दान करने का ) भी
आखिर कल दिनांक 2 जून 2018 को निपटा ही दिया. इस विषय पर मेरा विचार काफी समय
से बन...
पत्थर भी पिघलते हैं...?
-
इस पत्थर पर
बहुत आये बैठे
और चले गए
किसने सुबह
मुड़कर देखा
किसने सोचा
पत्थर भी पिघल
सकता है
पत्थर बेशक पत्थर है
पर पिघलता है
अंदर ही अंदर
दिखाई नहीं देता ...
चांदनी यूं बिना बताए कोई जाता है क्या?
-
बीते दिनों महिला दिवस था। दिनभर टीवी चैनल महिलामंडन करते रहे। खासकर रक्षा
क्षेत्र में परचम फहराती महिलाओं के इंटरव्यू दिखाए गये। अखबार भी महिला दिवस
और ...
गगन का अंत नहीं है
-
[image: Top post on IndiBlogger, the biggest community of Indian Bloggers]
*दूर गगन का कोई अंत नहीं है *
*मन प्रफुल्लित न हो तो बसंत नहीं है *
*जीवन क...
अंग्रेजी के कैपिटल्स का प्रयोग
-
यह तो आप सभी जानते हैं कि अंग्रेजी में अक्षरों को दो प्रकार से लिखा जाता
है; कैपिटल और स्माल। पर क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजी के कैपिटल लेटर का
प्रयोग कह...
गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो
-
*गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो *
लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात् परम श्रद्धेय स्वामीजी संवित् सोमगिरि
जी महाराज के दर्शन करने (अभी 1 जुलाई) को गया तो मन भ...
जिन्द्गी
-
जिन्दगी
कल खो दिया आज के लिए
आज खो दिया कल के लिए
कभी जी ना सके हम आज के लिए
बीत रही है जिन्दगी
कल आज और कल के लिए.
दोस्तों आज मेरा जन्म दिन भ...
मूर्ति पूजा का रहस्य सुविचार
-
मूर्ती पूजा का रहस्य जरूर पढ़े :-
कोई कहे की की हिन्दू मूर्ती पूजा क्यों
करते हैं तो उन्हें बता दें
मूर्ती पूजा का रहस्य :-
स्वामी विवेकानंद को एक राजा ...
Presidents of India with Home State and Town
-
Suddenly, it came to mind to know state wise names of Presidents of India.
But to my surprise, I couldn't found such website with this info at one
place de...
-
*नोटबंदी में फँस गए सांताक्लॉज *
नोटबंदी के कारण 'टेंशनाए' लोगों ने जब सांताक्लॉज को देखा तो लपक पड़े उसकी ओर.
सब यही सोच रहे थे कि उपहारों की गठरी में नो...
Demonetization and Mobile Banking
-
*स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव...*
प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपनी मन की बात में युवाओं से आग्रह किया है कि हमें
कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ना है औ...
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
-
*तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं *
*+रमेशराज*
*------------------------------------------------------------------*
* जब हम किसी कविता के शिल्प पर चर्चा करते...
[ व्यंग्य ] चचा बैठे ट्रेन में +रमेशराज
-
* [ व्यंग्य ]*
*चचा बैठे ट्रेन में*
*+**रमेशराज *
*------------------------------------*
*वैसे मैं न तो बीमा ऐजेन्ट हूँ और न किसी बीमा कम्पनी वाले...
फादर्स डे के बाद का दिन
-
आज फिर नींद नही आई
पता नहीं क्यो
ऐसे तो नींद हर रात मे बड़ी मुश्किल से आती है
यहाँ से वहाँ
चहलकदमी करता मैं
मुड़कर वापस बिस्तर को देखता हूँ
तो नेपथ्य से ...
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
-
*रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत *
*---------------------------------------------------*
*धर्म का मतलब नहीं**, **‘काटो गला’**—1*
*---------------...
सिर्फ गाल बजाएँगे
-
कहते हैं सब
ये राजनीति वोटों तक ही नही सीमित होनी चाहिए
उससे आगे भी जानी चाहिए
तुम्हारी जाति क्या है
क्या है तुम्हारा मजहब
अगड़े हो क्या
या मनुवादी , या फि...
उम्मीद
-
गम तो दिए हैं जिंदगी ने लेकिन उम्मीद है कि दीदारे-यार होगा बहाने बहुत हैं
जीने के लेकिन जीता हूँ कि विसाले-यार होगा होती है जब हवाओं में जुंबिश लगता
है तू ...
आमिर ख़ान के बहाने; मीडिया अपने गिरेबां में झांके
-
*भारत में डर* और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है, आमिर ख़ान के इस बयान से
सहमति रखना या विरोध में खड़े होना एक अलग बात है. परंतु, इसी बयान का एक अन्य
पहलू भी...
जनाज़े अपने हिस्से में
-
जनाज़े अपने हिस्से में उधर बारात का मौसम
रहेगा कितने दिन इस बेतुकी सी बात का मौसम
दिये की एक मद्धम लौ के आगे थरथराता है
ये आंधी का ये अंधड़ का ये झंझावात का ...
अलसी
-
अलसी - एक चमत्कारी आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक दैविक भोजन
------------------------------------------------------------------------------
जब से परिष्कृत यानी “रिफाइ...
-
Occupations in the Indian Railways are among the most sought-after jobs in
India. This is because these Rozgar samachar offer benefits, including
medical, ...
Get the growth from government jobs
-
This job is meant for you in all times. Every one of us is well-aware of
the fact when downturn began, that the international job scenario really
went unde...
हमारे तुम्हारे बीच
-
हमारे तुम्हारे बीच
एक नदी बहा करती थी
शीतल, शांत और पावन
जलधारा समेटे,
फिर अचानक
लहरों का आवेग बढ़ने लगा,
पानी छिटक कर
किनारे बहने लगा,
जहाँ नागफनी के साथ
कुछ...
निरामिष पर विशेष लेखों की कड़ियाँ
-
*(1) *अक्रूर मनोवृति (करूणा और अहिंसा के लिए)
1. दिलों में दया भाव का संरक्षक शाकाहार।
2. विश्व शान्ति का उपाय शाकाहार।
3. हिंसा का अल्पीक...
गर्मी मीठे फल है लाती
-
लाल लाल तरबूजे लाती,
गर्मी मीठे फल है लाती.
आम फलों का राजा होता,
बच्चों को मनभावन लगता.
मीठे पके आम सब खाते,
मेंगो शेक भी अच्छा लगता.
खरबूजा गर्मी में आ...
-
*बोंजाई*
हर रोज़ यह चाँद
रात की चोकीदारी में
सितारों की फ़सल बोता है
पर चाँद को सिर्फ बोंजाई पसंद है
तभी तो वो सितारों को
*कभी बड़ा* ही नहीं होने देता है ।
बूढी मां की बाहों में फिर बिखर जाऊं (GAZAL)
-
दर्द के बादल पिघलते नहीं
चांद बचपन के ढलते नही
खिलौने बदतमीज हो गये है
चाबी ना भरुं तो चलते नहीं
किताबों से बस्ते फट भी गये
आज पैसों से झोले भरते नही...
मेरे टूटे हुए ख़्वाबों के सिवा भी हैं जहाँ
-
मेरे टूटे हुए ख़्वाबों के सिवा भी हैं जहाँ,
तेरे रूठे हुए आशिक़ से अलग लोग भी हैं,
मेरे नाकाम मुक़द्दर से बड़े दर्द कई,
तेरे तन्हाई के ज़ख़्मों से जुदा रोग ...
-
ख्वाबों की ताबीर
सुना है उसके शहर की ...
बात बड़ी निराली है ,
सुना है ढलते सूरज ने ...
कई दास्ताँ कह डाली है ,
सुना है जुगनुओं ने ...
कई बारात निकाली है ,
...
ज़िन्दगी का गणित
-
कोण नज़रों का मेरे सदा सम रहा
न्यून तो किसी को अधिक वो लगा
घात की घात क्या जान पाये नहीं
हम महत्तम हुए न लघुत्तम कहीं
रेखा हाथों की मेरे कुछ अधिक वक्र ...
सभी को सम्मान दें ...।
-
ये कहानी इक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट में काम करता था ।
वह दिन का अंतिम समय था व् सभी घर जाने को तैयार थे तभी प्लांट में एक तकनीकी
समस्या उत्...
कैसे आया सूरज आकाश में...
-
कैसे आया सूरज आकाश में...
सत्ता के अधिकार के लिए दैत्य और देवताओं में शत्रुता उत्पन्न होने के कारण
दैत्य सदा देवताओं पर आक्रमण कर युद्ध करते रहते थे। इसी ...
टाइगर देखना है तो रणथम्भौर जाइए
-
*वो रहा, कहां, अरे वो सामने, कहां? अच्छा वो, काफी मशक्कत और चश्मा ऊपर-नीचे
करने के बाद मेरी नजर पेड़ों के झुरमुट को चीर, नाले के उस पार, गुफा के आधे
अंदर...
-
*अनूठा मौन संवाद*
चीन के एक छोटे से कस्बे में रहता था ली ची। अपने से छोटे-बड़े, सबकी
मजाक उड़ाता रहता। एक दिन गांव के कुछ लोगों ने से चुनौती दी, ‘अ...
टिन्डिस (Tyndis) जिसे पोन्नानि कहते हैं
-
रोमन साम्राज्य के अभिलेखों में भारत के दक्षिणी तट के टिन्डिस (Tyndis) नामक
बंदरगाह का उल्लेख मिलता है और आज के “पोन्नानि” को ही इतिहासकारों ने टिन्डिस
होने...
-
कैसा पर्यावरण ?
व्यक्तिगत रूप से मै किसी भी दिवस को मनाने का पक्षधर नहीं रहा क्यूंकि बुद्धि
के पागल लोग इन दिनों में अपने अंदर के भरे सारे कूड़े कचरे को निका...
जनक छंदी सलिला: २
-
संजीव 'सलिल'
*
शुभ क्रिसमस शुभ साल हो,
मानव इंसां बन सके.
सकल धरा खुश हाल हो..
*
दसों दिशा में हर्ष हो,
प्रभु से इतनी प्रार्थना-
सबका नव उत्कर्ष हो...
अरी यशोदा
-
अरी यशोदा,
बहुत गुमान है न तुझे अपने आप पर
कि तू नटखट कन्हैया की मां है...
अरी यशोदा,
बहुत गुमान है न तुझे अपने बालक पर
कि तेरा लाल जग में सबसे न्यारा है...
...
खरीदने से पहले ट्राई कीजिए एंड्रॉइड एप्स
-
पिछले कुछ समय से मोबाइल फोन मार्केट मेँ एंड्रॉइड का जबरदस्त बोलबाला है।
एंड्रॉइड मार्केट मेँ लाखोँ की तादाद मेँ एप्स उपलब्ध हैँ, जो फ्री और पेड
कैटेगिरी मे...
आयुर्वेद और ब्लॉगरों की माथा पच्ची
-
*आज बात करते हैं एक ही ब्लॉग **न दैन्यं न पलायनम्* *में प्रकाशित आयुर्वेद
श्रृंखला की। वाग्भट्ट की पुस्तक के आधार पर आयुर्वेद के ज्ञान को हम सब से
साझा क...
-
जो लोग सीधे होते हैँ
वही बेबाकी से अपनी बात कह जाते हैँ
चाहे जान कर या अनजाने मेँ
तोहमतेँ लग जाया करतीँ हैँ कभी कभी
कभी हिम्मत से तो कभी भोलेपन से
कहते हैँ ...
थोडी सी सावधानी रखे और हैकिंग से बचे
-
*आज सुबह सुबह एक दोस्त का मेल आया कि उसका जीमेल अकाउंट किसी ने हैक कर लिया
है और वह नही खुल रहा है। किसी तरह से उसका अकाउंट तो वापस सही कर दिया। तभी
ल...
आदिवासियों के चरण अब कौन पखारेगा?
-
आदिवासियों के चरण अब कौन पखारेगा? गिरीश पंकज राजपरिवार में जन्म लेने के
बावजूद बेहद सहज-सरल इंसान के रूप में लोकप्रिय रहे सांसद दिलीपसिंह जू देव अब
हमारे ब...
झूठ,
-
बेवजह आरोप है, मुझ पर झूठ बोलने का,
तुमने कब सुनना चाहा था सच,
हर बार झूठ तुम्हे अच्छा लगा,
और हर सच बुरा,
तुम्हे जो पसंद था, वही तो किया हमने,
ये लो अ...
Open heart surgery
-
Open heart surgery is any surgery where the chest is opened and surgery is
done on the heart muscle, valves, arteries, or other parts of the heart
(s...
"विवाह" नामक संस्था का स्वरूप खराब हो रहा है
-
*दूषित मानसिकता वाली अपनी पत्नी को समर्पित चंद शब्द *
*"मत खुश हो कि बर्बादी वाली हवा का रुख हमारी ओर है! भूल मत जाना यह आवारा
हवा कब किस ओर मुड जाये!...
गुलाम अली ...गजले जो बेहद अच्छी लगने लगी है !
-
*गुलाम अली का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार
हैं। खालिस उर्दूजानने वालों की मिल्कियत समझी जाने वाली, नवाबों-रक्कासाओं
की दुनिया में झनकती और शा...
तलाश
-
बदल रहा दौर
बलात्कार पर
बहस जारी है।
चिंतित हैं लोग
अबला बनी शिकार
मंथन जारी है।
अखबार में, दूरदर्शन पर
संस्कार और सरोकार
चिंतन जारी है।
मंथन, चिंतन,बहस...
छत्तीसगढ़ बनिस अपराधगढ़
-
का कहवं संगवारी, फ़ेर कहे बिगर नई रहे सकंव। छत्तीसगढ़िया सबले बढिया कहिथे।
बढिया एखर सेती हे के कउनो ल तकलीफ़ नई दे। खाए बर नई रही त लांघन भूखन रही
जाही फ...
कबीर के श्लोक - १२१
-
*ढूंढ्त डोलहि अंध गति , अरु चीनत नाही संत॥कहि नामा किऊ पाईऐ , खिनु भगतहु
भगवंतु॥२४१॥*
कबीर जी कहते हैं कि नामदेव जी कहते हैं -जीव खोज खोज कर परेशान हो जात...
Untitled
-
ये जख्मे जिगर हम उठाए कैसे तुम ही कहो अब मुस्कुराए कैसे
आते है बार बार मेरी आंख मे आंसू हम अश्क अपने उनसे छुपाए कैसे
तेरी यादो से ही रौशन है मेरी दुनिया ...
ईश्वर गुरप्रीत की आत्मा को शांति प्रदान करे
-
*सरदार बी.एस.पाबला के पुत्र गुरप्रीत सिंह का एक पुराना चित्र *
* मैंने विगत दिन शनिवार को फेसबुक के मित्र संजीव तिवारी
(https://www.facebook.com/tiwari...
एक चमत्कार-हमसे एक कत्ल हो गया
-
परसों (शनिवार की रात) एक चमत्कार हो गया. शाम सात बजे से रात एक बजे तक शीश
राम पार्क नामक हमारी कालोनी की बिजली कट गई. कारणों का कोई पता नहीं. मगर रात
ग्य...
आज का चिंतन
-
अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता
हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस
अंधकारमय...
नन्हे हाथों और तिक्ष्ण दिमाग का कमाल...
-
*अब चोरी करने से पहले ही पकड़े जाएंगे चोर, *
*बज उठेगी मोबाइल घंटी...*
*========================================*
*नगर में रहने वाले आठवीं के छात्र सूरज ने ...
यंत्रों-तंत्रों से चमत्कार हो जाएगा ?
-
देश भर से निर्मल सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा के विरोध की खबरें आ रही हैं,
और अब उनके समर्थन में भी कुछ लोग जुट रहे हैं। विरोध और समर्थन के बीच मीडिया
की ...
हिंदी कहानी की रचनात्मक चिंताएं – राकेश रोहित
-
हिंदी कहानी की रचनात्मक चिंताएं – राकेश रोहित (भाग- 23) (समापन कड़ी, पूर्व
से आगे) देवेन्द्र चौबे की दूसरा आदमी (नवभारत
टाइम्स, दिल्ली 6 अक्टूबर 1991)...
एअर कंडीशन नेता
-
वंदन कर भारत माता का, गणतंत्र राज्य की बोलो जय ।
काका का दर्शन प्राप्त करो, सब पाप-ताप हो जाए क्षय ॥
मैं अपनी त्याग-तपस्या से जनगण को मार्ग दिखाता हूँ ।
ह...
हिँदुतत्व पर आघात करता सेकुलर वाद
-
जब कोई भाई हिँदुतत्व की बात करता है सनातन संस्कृति की बात करता है तो
सेकुलरवादी उसे मानव धर्म की परिभाषा समझाने लगते है जबकी सच ये है त्याग
करूणा प्रेम आदर...
मित्रों के नाम के एक संदेश
-
अगर आप मेरे फेसबुक के खाते से नहीं जुड़ें हुए है. तब आप जुड़ें.
https://www.facebook.com/ramesh.k.jain
https://www.facebook.com/sirfiraa
तीर्थंकर महावीर स...
बेचैनी
-
कुछ अजब
कुछ गजब
सन्नाटा सा था
चंद रातें
कभी सोतीं
कभी जागतीं
खुली आँखों से कभी
कभी मूंदकर आँखें
मैं देखता सा था !
क्या था
क्यों था
कुछ तो था
जिसने मुझे
बेचै...
कहते है हिन्दूस्तानी है हम....(सत्यम शिवम)
-
कहते है हिन्दूस्तानी है हम,
पर जुबान पे अंग्रेजों की भाषा बसती है,
देख के अपनी विलायती तेवर,
हिन्दी हम पर यूँ हँसती है।
क्या बचपन में पहला अक्षर,
माँ कहने मे...
कैसा हो रक्षा बंधन ?
-
*आज प्रकाशित सामग्री श्री **संजय** कुमार जैन जी द्वारा भेजी गई है. उन्होंने
यह सामग्री उपरोक्त ब्लॉग के फेसबुक
https://www.facebook.com/groups/mahavirswam...
रोजगार Vs हिन्दी
-
*रोजगार **Vs ** हिन्दी*
*पुनीत कुमार*
नमस्कार दोस्तों, कैसे हो ? अरे.......... मैं आपसे आपका हाल-चाल पूछ रहा हूँ।
लेकिन मैं तो आपको जानता भी नहीं, कौन ह...
आओ मिलकर वृक्ष लगायें
-
वृक्ष हमें फल देते हैं,
हमसे कुछ नहीं लेते हैं,
खुशियाँ बाँटे, खुशियाँ पायें।
आओ मिलकर वृक्ष लगायें॥
तरु हमें छाया देते हैं,
हम इनको पानी देते हैं,
आओ इनकी ...
मेरे देश को एक और मोहनदास करमचंद गाँधी चाहिए...
-
घोटालों पर घोटालें सामने आते जा रहे हैं ।महँगाई की मार खा-खा कर भी अपने देश
के लोग मूक दर्शक बने अपने घरों से बैठें हैं.....अपने धंधों से थोड़ी -सी
फुरसत...
बचपन
-
माँ की गोद, पापा के कंधे;
आज याद आते हैं, बचपन के वो लम्हे.
रोते हुए सो जाना, खुद से बातें करते हुए खो जाना.
वो माँ का आवाज लगाना,
और खाना अपने हाथों से...
भटका हुआ देवता
-
ये तस्वीर हरिद्वार के शांति कुञ्ज की है . माधव का मुंडन कराने जब मै
हरिद्वार गया था , ये तब की तस्वीर है ."भटका हुआ देवता"के नीचे कई आईने रखे
हुवे है . इस...
नूतन वर्ष २०१० की आपको अशेष शुभकामनायें अपार!!
-
नवल धवल सूरज से आलोकित हो घर आँगन परिवार
नूतन वर्ष २०१० की आपको अशेष शुभकामनायें अपार
बाधाएं दूर हो जीवन की, नित प्रेम सुरभि का हो संचार
मन में करुणा व्याप...
नागार्जुन का काव्य शिल्प
-
बाबा नागार्जुन का काव्य संसार - अन्तिम भाग
नागार्जुन पर यह आरोप अक्सर लगाया जाता रहा है की अपनी कविताओं में वे छंद और
शिल्प के प्रति उदासीन हैं। सबसे पह...
147. लॉर्ड कर्ज़न का कांग्रेस के प्रति विचार
-
*राष्ट्रीय आन्दोलन*
*147. लॉर्ड कर्ज़न का कांग्रेस के प्रति विचार*
*लॉर्ड कर्जन*
लॉर्ड कर्ज़न का प्रशासन अपनी गतिविधियों और कार्यकुशलता के लिए विख्यात रह...
115. साँसों का संकट
-
सुबह के लगभग 10 बजे बालकनी में निकली, तो देखा कि धुआँसा पसरा हुआ है, जिसे
कोहरा या स्मॉग भी कहते हैं। देखने में तो बड़ा अच्छा लगा, मानो जाड़े के दिनों
का कुह...
लघु कथा.....वेरी गुड केस
-
प्रवीण चोपड़ा
सी.टी स्कैन की रिपोर्ट वाला लिफाफा लेकर मां को स्कूटर की पिछली सीट पर बैठा
कर महेश जब पीजीआई में डाक्टर के पास जा रहा था तो उसी यही लग रह...
789. शब्द
-
शब्दों के भी पंख होते हैं,
वे नहीं रहते सिर्फ़ वहां,
जहां उन्हें लिखा जाता है।
कभी वे आसमान में चले जाते हैं,
दिखते हैं, पर हाथ नहीं आते,
कभी वे ...
जौन एलिया के 25 बेहतरीन शेर
-
[image: जौन एलिया के 25 बेहतरीन शेर] जौन एलिया के 25 बेहतरीन शेर जौन एलिया
वो शायर है जिन्होंने जीवन को अपने बिलकुल अलहदा नजरिये से शायरी में पिरोया
है | आ...
हर बच्चे को दिखाएं सपने, सुनहरे भविष्य के।
-
कविता
नशे की राह पे जो बच्चे चल रहे हैं,
माँ-बाप के अरमान अब टूट कर छल रहे हैं।
आँखों में सपने, अब आँसुओं में डूबे हैं,
सपनों के महल, शीशे की तरह टूटे हैं...
Deads Rise!
-
A Zombie Thriller!
Arvind Mishra
It's a new arrival written by Shawn Whitney. Who is an award-winning
screenwriter with three feature film credits an...
माता पिता की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म होता है.
-
*अगर हर लड़की अपने सास को अपनी माँ समझें और हर सास अपनी बहू को बेटी समझे तो
परिवार मैं कभी कोई लड़ाई झगड़े नही होंगे और हमें अपने माता पिता का आदर हमेशा
करन...
श्री राम चरित मानस अमृत वाणी_49
-
श्री राम चरित मानस अमृतवाणी _49
आज ये मानस पाठ किया
कृपया नित्य सुबह सुनें मानस पाठ , मित्रों आप से प्रोत्साहन और सुझाव मिलता
रहे
जय श्री राम
दे ऐसा आशी...
मैंने नहीं कहा रेस्ट इन पीस..!!
-
मैंने नहीं कहा RIP या भगवान तुम्हारी आत्मा को शांति दे या न ही मैंने दी
विनम्र श्रद्धांजलि..क्यों दे, श्रद्धांजलि या क्यों करें तुम्हारी आत्मा की
शांति क...
क्या लिखे क्यों लिखे किसके लिये लिखे जानेजां
-
*कुछ खुरच दीवार से मिट्टी थोड़ी सी कुछ जमीन से उठा*
*मिला के देख रंग से रंग ना मिले धूप में ले जा और सुखा*
*मिट्टी हो या हो राख आग हो या धुआं हो मत उलझ और ...
हाई स्कूल
-
आनंद 10वीं में क्या आया, उसके सर पर पढ़ाई का पहाड़ चढ़ गया! घर हो या गली, जिसे
देखो वही कानाफूसी करता,"ए दां हाई स्कूल हौ!" मतलब इस साल इसकी 10वीं की
परीक्ष...
आँखें ~👁️👁️
-
आँखें जो बिना तलवार ही घायल करने का हुनर रखती है, जो जानना हो कभी किसी भी
स्त्री को तो पढ़ो उसकी आँखें...!
उसकी आँखों में ही छिपे होते हैं उसके सभी मनोभा...
मानसिक स्मृति कोष : से उभरते दृश्य
-
जीवन में इंद्रिय सक्रियता एक ऐसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हमारे जीवन
के संचालन के अलावा स्मृति कोष में जानकारी को सुरक्षित करने में भी सहायक है। ...
बड़े बेआबरू होकर .....!
-
बड़े बेआबरू होकर ......!
बुक शेल्फ से किताबें उठा उठा कर जमीन पर पटकी जा रही थी।
कबाड़ियों को क्या सब धान बाइस पसेरी लेना है। घर वाले भी इस...
एक रूहानी रिश्ता
-
काश तुम अपनी हाथो खिलाती निबाला
जैसे कोई माँ ने अपने बच्चें को हो पाला ..!
कोमल हथेली से बालों को सहलाती
अपने नोना बच्चे को अच्छे से नहलाती !
...
जन्मदिन मुबारक हो अजनबी...
-
प्यार- कई लाख जन्म मुझे सन्नाटे कभी पसंद नहीं थे, हाँ एकांत ज़रूर पसंद था.
उस एकांत के दरम्यान तुम्हारी एक मुस्कराहट ने जैसे सब कुछ अलग-थलग कर दिया
था. तुम्...
गुमशुदा ज़िन्दगी
-
ज़िन्दगी
कुछ तो बता
अपना पता .....
एक ही तो मंज़िल है
सारे जीवों की
और वो हो जाती है प्राप्त
जब वरण कर लेते हैं
मृत्यु को ,
क्यों कि असल
मंज़िल म...
होली
-
गुलालों के गुबार में
रंगों की बौछार में
रंगों जैसे हम खिले
आओ हम सब गले मिलें
होली के त्यौहार में...
गीतों की बहार में
ठहाकों के अंबार में
खुशियों जैस...
73 वें वर्ष का प्रवेश ------ विजय राजबली माथुर
-
* 73 वें वर्ष में प्रवेश करने पर आज भी विगत वर्षों की भांति फ़ेसबुक और
व्हाट्स एप पर लोगों से शुभकामनाएं प्राप्त हुई हैं। व्यक्तिगत, सामाजिक आदि
संघर्षो...
Growing Blackberries In Containers
-
[image: Growing blackberries in containers]
Growing blackberries in containers
If you crave blackberries but don't want an enormous thicket of them,
plan...
क्रिकेट विश्व कप २०२३
-
आस लगाए सब रहिन, भारत जाही जीत।
फेर हार सँग बाढ़ गय, उंखर मन के प्रीत।।
उंखर मन के प्रीत, पड़िस लोगन बर भारी।
बनथे फोकट रीत, टीम ला दे बर गारी।।
मुख...
विवाह विच्छेद - हिन्दी लघुकथा
-
हिन्दी लघुकथा
श्रेया और मानस प्रेम विवाह के तीसरे वर्ष में ही विवाह विच्छेद कर अलग हो गए
क्योंकि मानस भगवान बनना चाहता था और श्रेया नास्तिक ।
- डॉ शि...
UJJAIN HOLY TRAVELL- 3 - VIKRAMADITYA TILLA
-
*UJJAIN HOLY TRAVELL- 3 - VIKRAMADITYA TILLA*
*इससे पहले का यात्रा वृत्तान्त पढने के लिए क्लिक करे...(UJJAIN A HOLY
TRAVELL - 2 - MAHAKAL DARSHAN) *
*24/...
शब्दों का सफर
-
मै नहीं लिखती अब
क्यूंकि, लिखने के लिए
शब्दों को जीना पड़ता ह है ।
शब्दों को जीने के लिए
मनोभावों में कहीं गहरे तक
उतरना पड़ता है।
गहरे...
जेठालाल की 'दया'
-
दया अब शायद कभी नहीं आएगी। दया जेठालाल से रूठ कर कहीं दूर चली गई है शायद
हमेशा के लिए। उसके ना होने से केवल गडा परिवार में ही सूनापन नहीं है बल्कि
सारे...
ज्योतिषी जादूगर नहीं, परामर्शदाता है
-
ज्योतिष चाहे वैदिक ज्योतिष हो, हस्तरेखा, अंक ज्योतिष या कोई अन्य प्रकार, इन
सबमें आम से लेकर खास लोगों तक की एक विशेष अभिरुचि रहती है। कोई लग्न कुंडली
...
-
अखिल भारतीय हिंदी नाट्य- लेखन प्रतियोगिता
प्रथम पुरस्कार 3000/- रूपये, द्वितीय पुरस्कार 2000/- रूपये तृतीय पुरस्कार
1000/- रूपये
साथ ही दस सर्वोत्तम ...
Beautiful Mature Outfits 2023
-
"Join our exclusive fan club and be the first to know about our latest
news, promotions and events. Be a part of a community of passionate fans
and enjoy...
खुल्ला बोल: ब्राह्मण की पहचान फरसा या वेद!
-
*संदर्भ- सामाजिक आयोजनों का संदेश क्या?*
*-धीतेन्द्र कुमार शर्मा-*
इस आलेख पर आगे बढऩे से पहले मैं विप्र समुदाय से क्षमा प्रार्थना करते
हुए (क्योंकि सं...
-
पड़ाव और पड़ताल अंक 1 से 31 अब निःशुल्क ई-बुक्स के रूप में
लघुकथा विधा पर आधारित दिशा प्रकाशन के श्री मधुदीप द्वारा पड़ाव और पड़ताल
शीर्षक से लघुकथा विधा प...
पाबंद का छंद
-
*सुबह सैर को चल दिए, कविवर का आनंद*
*नियमित बेईमान थे नियमों के पाबंद*
*नियमों के पाबंद ने इक दिन काम निकाला*
*पैसे लेजा पैसे देकर काम कराला *
*दूजा ...
सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह
-
*सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह*
* सावनी*
काली घटाएँ करती शोर
वन में नाचें पपीहा मोर
मन-मोहक ऋतु आई ऐसी
छाइ हरीतिमा चारों और
अंबर में विधुत्त चमचम...
-
I just listed: BHAGWANI SHANTA [perfect] DINESH CHANDRA GUPTA (RAVIKAR)
[Jan 01, 2022], for ₹250.00 via @amazon
https://www.amazon.in/gp/product/B0BF4PKNT6...
मौत न हो
-
💐एक अभिनव प्रयोग💐
*लम्बी तेवरी (तेवर-शतक)*
**********
+मन की खुशियाँ जागकर मीड़ रही हैं आँख
चीर रही जो अंधकार को उसी किरन की मौत न हो। 1
.............
Increase good vibes of your living place
-
We dwell amid of higher divine energies and lower demonic energies. For
living a peaceful life we need to be surrounded by higher divine energies .
the...
अब कोई लिखता नही इस मंच पर
-
पूरे 10 वर्षों बाद आज इस मंच पर आया।
थोड़ी पीड़ा हुई ।
कोई लिखता नहीं अब इस मंच पर।
मैं अन्य को क्यों बोलूं मैं भी तो बहुत दिनों के बाद लौटा हूं।
अ...
अतृप्त :एक अधूरा आध्यात्मिक सफ़र
-
*नमस्कार,**मेरे प्रथम उपन्यास 'ढाई कदम' और **'एक नदी चार किनारे'** को
पाठकों के अपार स्नेह मिलने के बाद मैं आपलोगों के समक्ष अपना तीसरा हिंदी
पुस्तक ...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
-
अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
माँ का घर - संतोष कुमार चतुर्वेदी
-
* मैं नहीं जानता अपनी माँ की माँ का नाम*
*बहुत दिनों बाद जान पाया मैं यह राज*
*कि जिस घर में हम रहते हैं*
*वह दरअसल ससुराल है माँ की*
*जिसे अब वह अपना घर मान...
अटल जी की कविता
-
* अटल जी की कविता *
*1)*
गीत नहीं गाता हूँ
बेनक़ाब चेहरे हैं,
दाग़ बड़े गहरे हैं
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूँ
गीत नहीं गाता हूँ
लगी कुछ ऐसी नज़र
बिखर...
Indian Nurses Hub
-
Indian nurses hub is a association of Registered Nurses and Nursing
Students
Indian Nurses hub association is comprised of nursing majors and those
i...
हँसी की एक डोज़- इब्राहीम अल्वी
-
कई बार कुछ कवि मित्र मुझसे अपनी कविताओं के संग्रह को पढ़ने का आग्रह करते हैं
मगर मुझे लगता है कि मुझमें कविता के बिंबों..सही संदर्भों एवं मायनों को
समझने की...
सबसे अमीर आदमी का अनुभव
-
जॉन डी रॉकफेलर दुनिया के सबसे अमीर आदमी और पहले अरबपति थे। 25 साल की
उम्र में, वे अमेरिका में सबसे बड़ी तेल रिफाइनरियों में से एक के मालिक बने।
और 31 स...
Rekomendasi Serum untuk Mencerahkan Wajah
-
Serum adalah serangkaian *skincare *yang berfungsi menutrisi wajah. Baiknya
digunakan pada pagi hari dan malam hari. Serum memperbaiki masalah tertentu ...
उद्विग्नता
-
जीवन की उष्णता
अभी ठहरी है ,
उद्विग्न है मन
लेकिन आशा भी
नहीं कर पा रही
इस मौन के
वृत्त में प्रवेश
बस एक उच्छवास ले
ताकते हैं बीता कल ,
निर्निमे...
जो महफूज़ है, वो ही मशहूर है..
-
बुलंद घेरों से घिरा,
वो घर आपका ,
मेहफ़ूज़ हैं दुनिया से,
ये सोचते हैं क्या,
चौड़ी दीवारों के अंदर,
जो अनबन हुआ ,
दरारों की निगाहों से
देखता है को...
-
*बच्चों के जन्मदिन पर*
बच्चों संग तुम्हारे मैने,
जी लिया बचपन दुबारा।
खुश हुआ तुम्हारी हँसी देख,
तुम रोए मै भी हुआ उदास।
मैने कोशिश की भरने की
जीव...
ताडकेश्वर महादेव से वापस हरिद्वार वाया लैंसडाउन - २
-
13 ऑक्टूबर 2018, शनिवार आज रविवार है और मैं ताडकेश्वर में हूँ। कल रात को
ताडकेश्वर बाबा के दर्शन के बाद डिनर करके मैंं नीचे वाली धर्मशाला मेंं जाकर
सो गया ...
हमारा चिर-परिचित अंदाज़
-
एक राज्य के पूर्व सीएम पर जब अवैध रूप से जमीन कब्जाने के आरोपों के बारे
सुना तो मन में कोई हैरानी न हुई। शायद इसलिए कि इसमें हैरान करने जैसा कुछ
था ही नही...
श्राद्ध भोज बंद होना चाहिए
-
श्राद्ध क्या है ? श्रद्धा से किया गया कर्म को श्राद्ध कहते हैं | जिस
काम में श्रद्धा नहीं है वह श्राद्ध नहीं है |
परिवार में किसी की मृत्यु होने ...
-
गयी जब छोड़ मुझको, मैं ढुकास रहता हूँ
प्रिया की याद में दिनभर उदास रहता हूँ |
भ्रमित तो मैं नहीं हूँ, धारणा यही मेरी
लगे मुझको हमेशा यह, कि पास रहता हूँ ...
क्यों मायूस रहती हो
-
*हर दिन बढ़ रही है बेचैनी *
*अब लगते हर साज फीके से *
*अब क्यों मायूस रहती हो *
*क्यों हुए ये अंदाज फीके से *
*सुनो तुम एक बात मेरी ये*
*न बेवजह उलझो ...
क्या आत्महत्या पलायन है ?
-
यह बात न मैं पहली बार सुन रहा न शायद आप सुन रहे होंगे कि
आत्महत्या पलायन है.
पहली बात तो मैं यह कहना चाहता हूं कि यह जीवन हमने मर्ज़ी से नहीं चुना होता,
हमे...
नारी-निन्दा और तुलसीदास : फादर डॉ. कामिल बुल्के
-
*नारी-निन्दा और तुलसीदास*
~ फादर डॉ. कामिल बुल्के
''रामचरित मानस के विभिन्न पात्रों और स्वयं तुलसी की भी ऐसी बहुसंख्यक
उक्तियाँ पढ़ने को मिलती हैं, जिनमें ...
प्रेम पत्र
-
सोचा किसी को पत्र लिखूँ और कहूँ की .....
प्रिय मुझे जब, पत्र लिखो तो !
तुम कुछ.. ऐसा सा लिखना !!
पंक्ति पंक्ति में ....तुम रहना, !
और पृष्ठ पृष्ठ, मुझसा रख...
डर की सकारात्मकता
-
एक वैश्विक महामारी (*कोविड 19 या कोरोना वायरस*) के दौर में अकेले बैठे -
बैठे आज बस यूं ही याद आया कि कभी मैं डर की वकालत किया करता था, क्योंकि
मैंने ...
एक नई सोच की जरूरत
-
आज के इस समय में जहां पर कोरोना एक महामारी के रूप में फैला हुआ है एवं
संपूर्ण विश्व में इसके रोकथाम के लिए उपाय किए जा रहे हैं जहां पर कई देशों
में लॉक डाउ...
GatyatmakJyotishApp
-
विज्ञानियों को ज्योतिष नहीं चाहिए, ज्योतिषियों को विज्ञान नहीं चाहिए।दोनो
गुटों के झगडें में फंसा है गत्यात्मक ज्योतिष, जिसे दोनो गुटों के मध्य
सेतु ...
इंतज़ार और दूध -जलेबी...
-
वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास
चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर
कि ब...
गुड्डू आओ ... गोलगप्पे खाएँ ....
-
गुड्डू आओ ... चलें ..
गोलगप्पे खाएँ
कुछ खट्टे-मीठे .. तो कुछ चटपटे-चटपटे खाएँ
चलो .. चलें ...
अपने उसी ठेले पे .. स्कूल के पास ...
आज .. जी भर के ... मन भ...
नफ़रत
-
नफ़रत की गंध इस तरह फैल गई
फूलों की गंध भी उसमे नहीं मिल पाई
ड़ेंगू मलेरिया या हो चिकनगुनिया
केंसर पार्किनसन या हो एड्स
इनसे तो डॉक्टर मुक्त करा देंग
पर आपसी...
ग़ज़ल: प्यार के मौसम में हम बस प्यार की बातें करेंगे
-
प्यार के मौसम में हम बस प्यार की बातें करेंगे
रात भर ग़ज़लों की और अशआर की बातें करेंगे
इश्क़ के दरिया में आकर साहिलों की बात क्यों हो
अब तो हम लहरों की और मझ...
Invasion
-
Wrote this on 1 Dec as part of the school homework. First two para is for
the attached countries and last two paras for invaders.
Text
A battle cry,
A fe...
पत्थर के नीचे दुःख - राकेश रोहित
-
बोध कथा पत्थर के नीचे दुःख - राकेश रोहित तेज धूप में वहीं थोड़ी छांह थी।
बेटे ने पत्थरों को उठाकर एक जगह रखकर बैठने की जगह बनाने की सोची कि बाप ने
बरजा- "न...
36 गुर्जर जोड़ों ने एक साथ लिए फेरे
-
पीपलू के देव छात्रावास में आयोजित हुआ गुर्जर समाज का छठा सामूहिक विवाह
सम्मेलन
*पीपलू (टोंक)।* गुर्जर समाज सामूहिक विवाह समिति की ओर से पीपलू के देव
छात...
The girl Child
-
*The Girl Child* : A Tender bud
Little girls of the ages of 6 and below are a joy to see. They prance
around, in their cute frocks and ponies all the while...
मेरा वज़ूद ऐसा है !
-
[image: rg]
मेरे दुश्मन को है खलता , मेरा वज़ूद ऐसा है ,
गिराने से नहीं गिरता , मेरा वज़ूद ऐसा है !
दिलों में बस गया है जो ,फकत इक नाम ऐसा है ,
मिटाने से नहीं...
-
*भ्रम रोमांचित करता है* जब किसी की नई नई तोंद निकलना शुरू होती है तो वो
बंदा बड़े दिनों तक डिनायल मोड में रहता है. वह दूसरों के साथ साथ खुद को भी
भ्रमित करन...
दर-ब-दर
-
बालिश्त दर बालिश्त
गुजरती उम्र,
गिनती रही पोरों
पे वो पड़ाव ,जो
बदलते रहे मायने
ज़िंदगी के ,
यादों की पुनरावृतियां
लाती रही सुनामीयां,
बस यूँ कटता रहा
उबा...
बदलाव
-
इस वक़्त ने बहुत बदल दिया है मुझे
या कहूँ इस समाज ने
क्या अंतर है।
मेरे इस संघर्ष को इस बदलाव को
तुम कैसे परिभाषित करोगे?
तुम मुझे कल भी अबला समझते थे
तुम म...
बैंकों में राजभाषा की असली तस्वीर
-
हमारी कथनी और करनी में कितना अंतर है इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारी हिंदी के
प्रति सोच और व्यवहार है. सार्वजनिक मंच पर हिंदी को प्रशासन और जनसाधारण की
एक मात्...
क्या पत्रकार भी बड़े और छोटे होते हैं ?
-
एक सवाल गौरी लंकेश की हत्या के बाद मेरे जेहन में बार-बार उठा रहा है कि क्या
पत्रकारों की भी दो जाति होती है...क्या पत्रकार भी बड़े और छोटे होते
हैं...क्या ...
दरकता लोकतंत्र
-
आप जो हर रोज़ लोकतंत्र - लोकतंत्र कहते हैं मुझे समझ नहीं आता. आप मुझे
अजीब कह सकते हैं .आपके पास हक़ है, अधिकार है. बिल्कुल कहिये. किसी भी
विचारधारा को म...
ब्लॉगिंग : कुछ जरुरी बातें...3
-
पाठक हमारे ब्लॉग पर हमारे लेखन को पढने के लिए आता है, न कि साज सज्जा देखने
के लिए. लेखन और प्रस्तुतीकरण अगर बेहतर होगा तो यकीनन हमारा ब्लॉग सबके लिए
लाभदा...
अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमला, 6 की मौत ..
-
कश्मीर घाटी में आतंकवादी अब अपने अस्तित्व के आखरी दौर में हैं. उनके ऊपर जो
दबाव सेना ने बनाया है उस दबाव से निपटने के लिए उन्होंने अमरनाथ यात्रियों के
ऊपर...
रमेशराज की चतुष्पदियाँ
-
*रमेशराज की चतुष्पदियाँ *
*------------------------------- *
*नेता बाँट रहे हैं नोट*
*सोच-समझ कर देना वोटकल मारेंगे तुझको लातआज रहे जो पांवों लोट |+र...
सरकार
-
नेवले बीन लिए सांप के दरबार बैठे हैं
प्यादे हुए बादशाहों के सरदार बैठे हैं
जिन्हे थे नसीब नहीं खतों के दस्तख भी कभी
वो खलीफा बने सुर्खी-ए- अखबार बैठे हैं...
शाकाहार और मांसाहार
-
*||ओ३म्||*
शाकाहार एवं मांसाहार हमेशा से एक तथाकथित विवादित विषय रहा है, और अधिकतर इस
विषय पर चर्चा करते हुए लोग मिल जाते है, जहाँ एक दूसरे पर अपनी वाली थो...
"परछाईं"
-
क्या तुम्हे पता है?
मै आज भी वैसी ही हूँ?
तुम्हे याद है?
मेरा होना ही तुम्हारे मन मे पुलकन सी,
भर जाया करता था।
मेरे ना होने पर,
तुम कितने बेकल हो जाया करते ...
-
*नोटबंदी में फँस गए सांताक्लॉज *
नोटबंदी के कारण 'टेंशनाए' लोगों ने जब सांताक्लॉज को देखा तो लपक पड़े उसकी ओर.
सब यही सोच रहे थे कि उपहारों की गठरी में नो...
-
*विनोदशंकर शुक्ल : मेरे **गुरुदेव *
*गिरीश पंकज *
हिंदी व्यंग्य की दूसरी पीढी के सशक्त हस्ताक्षर विनोदशंकर शुक्ल अब हमारे बीच
नहीं है। उनका जन्म 30 दिसम्बर...
दियों की दिवाली - २०१६ Diyon ki Diwali 2016
-
जो दिये के
तल अँधेरा
रह गया था उस दिवाली
इस दिवाली
उस तमस् को भी नया दिनमान देना
कुछ अँधेरे झोपड़ों पर
याद रखना इक नजऱ
देखना अबकी चमकती
हर हवेली के परे...
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
-
*रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ *
*----------------------------------------------------------------------------
*
*-**मुक्तछंद-*
*।। सौन्दर्यबो...
कहानी संग्रह अधूरे अफसाने-लावण्या दीपक शाह
-
अभी अभी लावण्या शाह (लावण्या दीपक शाह ) के कहानी संग्रह अधूरे अफसाने को
पूरा किया है। चार बाल कहानियों को समेटे कुल ग्यारह कहानियों के इस गुलदस्ते
को लावण...
अजगर करे न चाकरी.........सबके दाता राम!
-
जय श्री राम....!
अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम
दास मलूका कह गए, सबके दाता राम!
तुलसी दास जी कहते हैं:
सियाराम मय सबजग जानी!
करहुँ प्रणाम जोरि जुग पानी.....
Tips Part 1..........
-
*Tips Part 1..........*
*अनिष्टकारी राहू की शान्ति के लिए चाय की कम से कम 200 ग्राम पत्ती लेकर 18
बुधवार दान करने से राहू का अशुभ फल समाप्त होकर शुभ...
रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ
-
*रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ ]*
*---------------------------------*
*||जनकछन्द में तेवरी || ---**1.*
*……………………...
होलिका दहन
-
होलिका दहन
एक हसीना थी
बड़ी नाजनीना थी
जलवे दिखाती थी
सबको जलाती थी
करती थी ठिठोली
नाम था होली
उसको था वरदान
कोई भी इंसान
उसका संग पायेगा
बेचारा...
सोना जरूरी है अविनाश वाचस्पति
-
##Sleeping
सोना जरूरी है
कैसा भी हो
नींद हो या हो स्वर्ण
पीत हो वर्ण
पर पीलिया न हो
लीवर पर न हुआ
हो हमला
जानलेवा न अाघात
चाहे हो रात अथवा
दिन अथवा सुप्रभा...
मोची का लालच
-
किसी गाँव में एक धनी सेठ रहता था। उसके बंगले के पास
एक जूते सिलने वाले गरीब मोची की छोटी सी दुकान थी। उस मोची की एक खास आदत थी
कि जो ...
तीर्थराज प्रयाग - सपना निगम
-
यहाँ माझी है नैय्या है पतवार है
और गंगा यमुना की बहती धार है
प्रयागराज तीरथ त्रिवेणी का संगम
बहती यहाँ सत्संग की बयार है
इन नदियों के पास मेरे दे...
अंग्रेसी न जानना कोई गुनाह नहीं
-
मैं अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हूँ मगर यदि कोई नहीं जानता है तो यह कोई गुनाह भी
नहीं है। अंग्रेजी न जानने पर कई लोग संकोच अनुभव करते हैं। खुल कर सामने नहीं
आते...
छोड़ दूँ
-
जी करे मैं काम की फेहरिस्त लिखना छोड़ दूँ
झटकार लूँ ये हाथ और काम सारे छोड़ दूँ
जो हुआ सो हो गया, जो होगा बेहतर ही होगा
आने वाले कल की मैं अब फ़िक्र करना छोड़...
‘खबर’ से ‘बयानबाज़ी’ में बदलती पत्रकारिता
-
मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया से ‘खबर’ गायब हो गयी है और इसका
स्थान ‘बयानबाज़ी’ ने ले लिया है और वह भी ज्यादातर बेफ़िजूल की बयानबाज़ी.
नेता,अभिनेता...
-
अरे फेसबुक,ट्विटर, ब्लॉगजगत
के बुद्धिजीवियों!
अपनी ईर्ष्या के चलते अपने लहँगे से तो अपना मुँह ना ढाँपो। कल सारे दिन एक
न्यूज़ चैनेल fb पर भी चलता रहा। मेरे...
जिंदगी का पता न दे.........
-
चित्र गूगल साभार
ऐ खुदा, मुझे फिर से ये सजा न दे
कज़ा है मुकद्दर मेरा जिंदगी का पता न दे।
अश्कों से भर गया है दरिया-ए-मोहब्बत मेरा
फिर से चाहुँ मैं कि...
-
समन्दर को हमेशा ही ये पता होता है
के उसकी राह तक रहा एक किनारा होता है
उछलते मचलते लहरों को संभलने का एक सहारा होता है
किनारे की प्यास ना बुझी है कभी, न...
वो और हम
-
"बेरहम हैं वो या फिर बेफिक्र हैं...
कितना भी बताऊ उनको दिल ए हाल वो हैं की सुनते ही नहीं"
~~hn~~
"कहने को मलहम भी वो ही हैं इस दिल की चोट का..
पर दर्द को ...
रामपुर गांव
-
नदियों में नाथ
शिवनाथ नदी के तीर बसा हुआ
सूंदर सा गाँव रामपुर,
जहाँ पीपल की छांव,
मांझी की नाव,
नदी तट पर जलक्रीड़ा करती सोन मछरिया,
सुंदर साधारण घर-दुवरिया,...
मेहमान पक्षी
-
*ममता सुराणा *
लेखिका
दूर सुदूर लम्बी यात्रा पर निकला करते पक्षी गण
नीले अम्बर को मापा करते उडकर पंख फैला क्षण क्षण
उनकी मनभावन सुंदरता देख नयन ठगे से रह ज...
यमन
-
*राग यमन *
*संक्षिप्त परिचय *
थाट - कल्याण
जाति - सम्पूर्ण
वादी - गंधार
संवादी - निषाद
तीव्र स्वर - मध्यम बाक़ी सभी स्वर शुद्ध
समय - रात्रि का प्रथम प्...
भारत बिचौलियों का स्वर्ग
-
शीर्षक से शर्म होना लाजिमी है, पर वास्तविकता इससे अलग भी नहीं है| हम
मिसाइलों के कई संस्करण बना चुके हैं, जिनके जद में अमेरिका भी आ सकता है| पर
तोप, लडाकू...
हे ईश्वर ! हमारे भारतवर्ष पर दया करो …
-
१२रु में भरपेट भोजन मुंबई में ….राजबब्बर , सांसद कांग्रेस
५रु में भरपेट खाना दिल्ली में …रशीद मसूद ,मंत्री
१रु में भी पेट भरा जा सकता है …फारुख अब्दुल्ला , म...
पावन पवित्र होली की हार्दिक अनंत अपार शुभकामनायेँ ।
-
होली हैँ भाई होली हैँ बुरा ना मानोँ होली हैँ _हुंडदंग टोली
बोलो हैँपी होली
गोबर कीचर कादोँ हुंडदंग का चोली
सब मिलकर बोलो हैँपी होली
Nature Ka Har Rang Aap ...
संविधान बिछाओ - सेक्स करो
-
*भारत के नेताओं,* धर्म रक्षको, बुद्धीजीवियों से पूछा जाये - "क्यों जी
बलात्कार पर आपकी क्या राय है।" तो सारे ऐसी घोर निंदा करेंगे कि सारे
बलात्कारी राम...
महिला दिवस...एक अर्थ पूर्ण दिवस!
-
*अगर महिलाएं समझ सकें...*
*...आज महिला दिवस पर महिलाएं और पुरुष सभी अपने विचार व्यक्त कर रहे
है!...महिलाओं की प्रगति कैसे हो, महिलाओं को समाज में सम्माननीय...
त्रिपुरा चुनाव: वाम फिर सत्ता की ओर
-
*वहीं कांग्रेस के नेता भी दबी जुबान यह स्वीकार करते है कि सिर्फ हैलीकॉप्टर
से आकर चुनावी रैलियों को सम्बोधित करने से ही चुनाव नहीं जीते जाते। आम जनता
में...
क्यूँ मै मौन हूँ ?
-
लोग मुझसे पूछते है,आज क्यूँ मै मौन हूँ ?
प्रेरणा के स्त्रोत सूखे ,कल्पना है मर गई ,
मौत के साए से यूं ,जिंदगी है डर गई
स्तब्ध सा मै देखता हूँ ,सत्य है या सप...
आत्महत्या या हत्या
-
आत्महत्या या हत्या
. . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
भीड़ का क्या है, कहीं भी, किसी भी हालात को अपना निशाना बना लेती है। आज
रामदीन के बँग्ले पर!
रामदीन...
रियली ! डेविड पेट्रियट इज ग्रेट देन...............
-
अमेरिका की सबसे ताकतवर ख़ुफ़िया एजेंसी सी आई ए के प्रमुख डेविड पेट्रियट ने
विवाहेतर संबंधों के चलते नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और
राष्ट्रप...
Pilgrimage- now & ancient times
-
The Pilgrimage which has its Hindi meaning "Tritha yatra" were related with
geo piety ( related with devotion)in earlier times. However, now with more
and ...
झूलती मीनार और अलबेला खत्री की डुबकी
-
प्रारंभ से पढें
अगली सुबह अलबेला खत्री जी से बात हुई तो उन्होने बताया कि वे एक दिन पहले
अहमदाबाद में ही थे। फ़िर उन्होने कहा कि अगले दिन मैं सुबह की गाड़ी ...
आलोचना का परमसुख
-
घर में आज आलू-चना बना था, इकलौती (दूसरी के लिए हिम्मत नहीं है भाई) पत्नी ने
लहसून और जीरे से छौंक मार कर जो परोसा, तो आनंद आ गया चटख-चटख चटखारे लेकर
खाने ...
ईलाज संभव मधुमेह का...
-
*छत्तीसगढ़ के छात्र ने खोजा डायबिटीज का देसी इलाज*
*रायपुर डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज के एक छात्र ने मधुमेह के इलाज में बड़ी सफलता
हासिल की है। गौमूत्र चूर्ण से...
एक था बचपन - प्यारा सा बचपन ....
-
मेरे ही किस्म के जोगी ठाकुर थे ..... सुनिए आशीर्वाद फिल्म का ये गीत : एक था
बचपन ... प्यारा सा बचपन.
आपने पता नहीं गीत सुना या नहीं - पर ये भावुक...
सरकारी लोकपाल की खामियां
-
अभी अभी मैंने एक वीडियो देखा तो सोचा की आप लोगों से भी इसे साझा करूँ. यह
वीडियो सरकारी लोकपाल के खामियों को उजागर करता है साथ ही साथ भ्रष्टाचार को
बढ़ावा...
HAPPY NEW YEAR 2012
-
*2012*
*नव वर्ष की शुभकामना सहित:-*
*हर एक की जिंदगी में बहुत उतार चढाव होता रहता है।*
*पर हमारा यही उतार चढाव हमें नया मार्ग दिखलाता है।*
*हर जोखिम से ...
दिग्विजय को सलाम
-
*बयान :* सचिन और सहवाग दोनों ही खिलाडि़यों ने वन-डे का दोहरा शतक
मध्यप्रदेश में बनाया. सचिन ने दस हजार रन भी मध्यप्रदेश में ही पूरे किए
हैं. लिहाजा, मध्...
आलस्य :मेरा दोस्त
-
*आज सुबह मैंने पूछा आलस्य से," भाई, तुम क्यूँ मुझे इतना सताते हो?हर समय बिन
बुलाये मेहमान के जैसे आस-पासमंडराते हो!मुझे नहीं पसंद है यूँ तुम्हार...
मेरी दो नयी पुस्तके
-
मेरी दो नयी पुस्तके
हस्ताक्षर - कविता संग्रह - मूल्य मात्र १०० रूपए हैं
वैनिज़िया - कहानी संग्रह - मूल्य मात्र १५० रूपए हैं
दोनों पुस्तके एक साथ मांगने प...
नवरात्र का साधनात्मक पक्ष
-
नवरात्र का पर्व मूल रूप से मिलन की आराधना का पर्व है, संधिकाल के सदुपयोग का
पर्व है। जब भी दो ऋतुओं का मिलन होता है, तब नवरात्र का पर्व मनाया जाता है।
हमार...
-
आज बहुत दिनों बल्कि महीनो के बाद आपने ही ब्लॉग पर आना हुआ .....हम लोग
केलिफोर्निया से यहाँ न्यू जर्सी आए उसके बाद कई बातें ऐसी रही की नियमितता बन
ही नहीं ...
जीवन उद्देश्य
-
*`**ओम**`*
*अपना जीवन उद्देश्य शीघ्र अति शीघ्र तय करें। फिर सदैव उसी का ध्यान करें।*
*मेरा उद्देश्य प्रभु की प्रसन्नता और उसको प्राप्त करना है।*
*प्राप्त...
अपनी भाषाएँ
-
*जैसे लोग नहाते समय आमतौर पर कपड़े उतार देते हैं वैसे ही गुस्से में लोग
अपने विवेक और तर्क बुद्धि को किनारे कर देते हैं। कुछ लोगों का तो गुस्सा ही
तर्क...
जमाना
-
इस ज़माने को मैं कैसे जमाना कह दूँ
जमाना तो वो था जिसमे हम जवान हुए
वो मीठे बोल में छुपी शरारतें और वो सुहावनी रातें
वो चाँद की ही गोद थी जिसमे हम जवान ...
किन्नर क्योँ होते है?: किन्नर
-
किन्नर क्योँ होते है?: किन्नर: "परमात्मा की रचना कभी गलत नही होती हाँ जरुर
हमारे विचार गलत हो सकते है। आज विश्व मे रावण राज की देन हमारे विचार ही
है।हम हमा...
मेरे नाम अनेक -डा. नागेश पांडेय 'संजय'
-
*शिशुगीत : डा. नागेश पांडेय 'संजय'*
मेरे नाम अनेक , दोस्तों ,
मैं छोटा सा भोलू .
कोई मुझसे सोनू कहता ,
कोई कहता गोलू .
दादा जी कहते हैं टिंकू ,
दादी क...
Luv Ka The End 2011 - The Mutton
-
Movie: Luv Ka The End (2011)
Director: Bumpy
Producer: Ashish Patil
Music Director: Ram Sampath
Lyricist: Aditya Bhattacharya
Cast: Shraddha Kapoor, Taa...
A Dream within a Dream
-
Take this kiss upon the brow!
And, in parting from you now,
Thus much let me avow-
You are not wrong, who deem
That my days have been a dream;
Yet, if Hope ...
होमियोपैथ दवा का दुष्प्रभाव
-
*6. होमियोपैथ दवा का दुष्प्रभाव*
मेरे बाल्यावस्था की एक घटना महत्तवपूर्ण है. उस समय मेरी उम्र डेढ़ वर्ष की
थी. मेरी माँ मुझे लेकर अपने मायके अगुवानपुर ...
पहला लेख >>>>
-
इस ब्लॉग पर हम इश्वर के अस्तित्व से सम्बंधित प्रमाणों पर पूर्वाग्रह रहित
चर्चाएँ करेंगें .. आस्तिक , नास्तिक तो ऐसे ही काफी छोटा सा विभाजन है .....
इस ब्लॉ...
***भारत प्रश्न मंच राउंड-१ मेरिट लिस्ट ***
-
[image: Orkut Myspace Welcome Scraps, Graphics and Comments]
भारत प्रश्न मंच आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता है
सभी स्वजनों को नववर्ष की अनेका नेक शुभकामनाए...
अनुवाद-- पाती अडिये बाजरे दी मुट्ठ
-
अनुवाद --पंजाबी पुसतक' पाती अडिये बाजरे दी मुट्ठ्'-- गुरप्रीत गरेवाल --का
हिन्दी अनुवाद।
अनुवाद के क्षेत्र मे ये मेरा पहला प्रयास है। आशा है आप मेरा उत्साह...
6 टिपण्णियां:
मान्यवर अपना ब्लॉग जोड़ना चाहता हूँ ,.क्या सभी रचनाये यहाँ दिखेंगी !..हार्दिक आभार सहित
URL santo1979.jagranjunction.com
भाटियाजी, परिवार से जुडे रहने से ज्यादा खुशी और क्या हो सकती है।
आज से लगभग दो माह पहले हमने ऐसे ही एक टिप्पड़ी फॉर्म पर अपने ब्लॉग का लिंक दिया था ...और अपने ब्लॉग पर विजेट लगाकर खुश होते रहे कि हम भी ब्लॉग परिवार में शमिल हैं ...
आज ऐसे ही अनायास देखने का मन हुआ तो सूची में अपना ब्लॉग न पाकर अच्छा नहीं लगा..खैर मैं पुनः निवेदन भेज रहा हूँ आशा है आप स्वीकार करेंगे
..
http://anandkdwivedi.blogspot.in/
ब्लॉग परिवार में मुझे शामिल करने का निवेदन कृपया स्वीकार करें ...
http://xitija.blogspot.in/
धन्यवाद... :)
आदरणीय
महोदय
मैंने नया ब्लॉग http://ujbakvani.blogspot.com शुरू किया है आपसे सादर निवेदन है की मेरे ब्लॉग को आपके अर्थात हमारे ब्लॉग परिवार में शामिल करने की कृपा करें.
धन्यवाद एवं आभार
Post a Comment